बेटे ! क्या बात है परेशान हो तुम
बाबा जी ! मैं थक गया हूं, मुझे मुहब्बत ने थका दिया है,
अरे ! मुहब्बत भी भला कोई थका देने वाली चीज़ है, ये तो बंदे को ताकतवर बनाने वाली सब्र करने वाले , शुक्र करने वाली बनाती है,
लेकिन बाबा जी मैं थक गया हूं,
असल में बेटे मुहब्बत जब बेकद्रों से , बेहिस लोगों से हो जाए तो बंदा थक ही जाता है, तू समझ ले के थकावट मुहब्बत की नहीं लोगों के रवैए की होती है,
मनकूल