सिगरेट बीड़ी शौक से अब पी रही है उम्मत,
जोहरा की थी जो सुन्नत वह भूल गई उम्मत,
बेपर्दा होकर शौक से अब घूम रही उम्मत,
रातों की मस्तियों में मज़ा लेती है उम्मत,
वक्त फज्र के होते ही सो जाती है उम्मत,
कुरआन की तिलावत को अब भूल गई उम्मत,
हाथों में मोबाइल को लिए रहती है उम्मत,
अजकार, दुआ , सब भूल गई उम्मत,
गानों में मगन रहती है दिन रात अब उम्मत,
मस्जिद की अज़ान सुनकर जाती नहीं उम्मत,
दरगाहों में, बाज़ार में मेलों में पहुंच जाती है उम्मत,
सरकार की सुन्नत को अब छोड़ रही उम्मत,
फैशन को बड़े शौक से अपना रही है उम्मत,
तस्बीह से उंगली से दुआ पढ़ रही थी उम्मत,
हर वक्त मोबाइल में मशगूल है अब उम्मत,
मनकूल
साभार: Umair Salafi Al Hindi
Blog: Islamicleaks