Tuesday, July 6, 2021

हरमैन में रमजान में रात की नमाज़ की आखिरी रकात

 



हरमैन में रमजान में रात की नमाज़ की आखिरी रकात के रुकु के बाद दुआ ए कुनूत इस तरह हाथ उठाकर जहरी की जाती है जो तस्वीर में आप देख सकते हैं,


बाज़ लोग जब नमाज़ ए तरावीह की बीस रकात सहीह सनद से साबित करने से आजिज आ जाते हैं तो कहते हैं, " फिर हरमैन में क्यों बीस पढ़ी जाती है ?"

कोई कहता है के हज़रत उमर के हुक्म से बीस पढ़ी जाती हैं (जबकि हज़रत उमर का हुक्म 11 का है ),

अगर इनसे पूछा जाए के दूसरा इमाम एक आखिरी ताक रकात से पहले कुल कितने सलाम फेरता है तो शायद ये बताते हुए शर्मा जाएं के हम तो पहले उनके फायेल को हज़रत उमर के हुक्म के मुताबिक कह चुके हैं और अब ये क्या मसला बन गया के दूसरा इमाम बारह रकात 6 सलाम से पूरी करता है और ये काम कभी भी फिरका देवबंद या फिर्का बरेलवी वाले नहीं करते , फिर एक आखिरी रकात में रुकु के बाद दुआ ए कुनूत हाथ उठाकर बुलंद आवाज़ से पढ़ी जाती है,

फिरका देवबंद या फिरका बरेली वाले कभी भी इस तरह नहीं पढ़ाते तो फिर ये सब क्या हज़रत उमर का हुक्म भी मानते हैं या नहीं ??

साभार: Umair Salafi Al Hindi
Blog: islamicleaks