उनसे कहो, "क्या हम तुम्हें उन लोगों की ख़बर दें, जो अपने कर्मों की वजह से सबसे बढ़ कर घाटा उठाने वाले हैं?
ये वे लोग हैं जिनकी दुनियावी ज़िदगी की सारी दौड़ धूप सीधे रास्ते से भटकी रही और ये लोग यही समझते हैं कि वे बहुत अच्छा कर्म कर रहे हैं |- सूरह : कहफ, आयत : 103,104
हकिकत मे इंसान अपने रब का बहोत बड़ा ना शुक्रा है और उसको सब्र नही होती उसके रिज्क पर जिससे वो खसारा घाटा नुक्सान उठाने वालो मे शामिल हों जाता है