हज़रत आयशा (Ra) से रिवायत है के जब रसूल अल्लाह मुहम्मद (Sws) को बीवियों को इख्तियार देने का हुकम दिया गया तो आपने मुझसे शुरुआत करते हुए फरमाया:
" मैं तुमसे एक बात करने आया हूं, तुम पर लाज़िम है के जब तक अपने मां बाप से मशवरा ना कर लो तुम जल्दी मत करना,"
हजरत आयशा कहती हैं:-" आपको मालूम है मेरे मां बाप मुझे आपसे अलग होने का मशवरा नहीं देंगे"
फिर हज़रत आयशा ने फरमाया :- अल्लाह ताला फरमाता है
: یٰۤاَیُّہَا النَّبِیُّ قُلۡ لِّاَزۡوَاجِکَ ...(الأحزاب28-29)
मैंने कहा:- मैं किस मसले में मा बाप से मशवरा करूं ?? मैं तो अल्लाह, उसके रसूल और आखिरत का घर चाहती हूं...
(अस सिलसिला अस साहीहा हदीस 1939)