Friday, November 20, 2020

हज़रत मुआविया का ऐतिहासिक खत रूमी बादशाह के नाम!!


 


हज़रत मुआविया का ऐतिहासिक खत रूमी बादशाह के नाम!!


हज़रत अली‌ؓ और मुआवियाؓ के बीच जंग बरपा थी के रोमन एम्परर ने दोनों के इख़्तिलाफ़ का फायदा उठाकर हज़रत अली के इलाके पर हमले का प्लान बनाया के हज़रत अमीरूल मोमिनीन सैय्यदना अली रज़ि, अमीरे मुआविया के साथ हालते जंग में है और कमज़ोर हैं, 2 फ्रंट पर लड़ाई नहीं कर सकेंगे और सोचा कि हज़रत मुआविया जंग की वजह से हज़रत अली का साथ न देंगे,लिहाजा मौक़ा अच्छा है।
फिर भी कन्फर्म करने के लिए हज़रत मुआविया को खत भेजा के हमें मालूम हुआ है कि "आपके साथी (अली) ने आप के साथ ज़्यादती की है" ....,,,, और फ़ौजकशी के इरादे से आगाह किया।

लेकिन क़ुरबान जाएं सैय्यदना मुआविया रज़ि. की गैरत ए ईमानी और इस्लामी उखुव्वत पर, जब आप को ईसाई बादशाह की इस नापाक हरकत और इरादों का पता चला तो फौरन उसके नाम एक मुख्तसर जामेअ तारीख़ी खत लिखा :

" ए मलऊन! ख़ुदा की क़सम !
अगर तू अपने नापाक इरादे से बाज़ नहीं आया और वापस अपने मुल्क नहीं लौटा तो याद रख!! मैं अपने चचाज़ाद भाई (अली) से ज़रूर सुलेह कर लूंगा और फिर तेरे क़ब्ज़े के शहरों से तुझे उखाड़ फेंकूँगा और ज़मीन वुसअत के बावजूद तुझ पर तंग कर दूंगा।"

हज़रत मुआविया का यह खत पढ़कर रूमी बादशाह की हवा निकल गई और हमले का इरादा मुल्तवी कर दिया,और भाग खड़ा हुआ।
बड़े बेआबरू हो कर तेरे कूचे से निकले।

अल्लाहू अकबर क्या शान थी हज़रत मुआविया की।
رضي الله عنه

(अल बिदायह वन्निहायह : 11/400,
अयज़न इब्ने कसीर: बैरुत: 8/173,2010)

~ Mufti Siraj Sidat