Saturday, November 14, 2020

AURAT KI AJDAWAZI BADHAZMI AUR USKA ILAAJ

 



औरतों की अजदवाजी बदहजमी और उसका इलाज :

औरत को जब बदहजमी हो जाए और वह अपने घर और शौहर के साथ बदसुलूकी शुरू कर दे, रोज़ तलाक मांगे और ऐसा शौहर मुझसे मशवरा करे तो में उसको कहता हूं के तलाक तुम्हारे हाथ में है, कौनसा एक्सपायरी डेट लिखी है तलाक पर, जब दिल चाहा दे लेंगे, इतनी जल्दी क्या है, बंदा अगर बिना इलाज मर जाए तो दिल को अफसोस रहता है के इलाज नहीं कराया शायद बच जाता,
तुम उसको तीन माह के लिए उसके अपने मां बाप के घर भेज दो, ये अभी तक अपनी शेयर की कीमत शादी से पहले वाली समझ रही है, इसके बाद अगर ठीक ना हुई तो फिर तलाक वहीं भेज देना,
औरत जब वालीदैन के घर जाती है तो वह घर अब उसका नहीं रहता वह एक नपसंदीदा मेहमान होती है, दो दिन के बाद उसकी भाभियां बोलना छोड़ देती हैं और कोशिश करती हैं कि घर का सारा काम वह संभाल ले ताकि मासी की छुट्टी कराई जाए, अगर उसके साथ बच्चा हो तो घर के बच्चे उसे सुबह दोपहर शाम दो दो जूते ज़रूर मारते हैं और साथ ये तंज़ भी के जब से ये आया है हमारे बच्चे पढ़ नहीं सकते,
बाहर निकलते ही तो हर औरत पूछती है बेटा वापस जब जा रही हो ?? दो चार दिन टरकाती है,
मगर एक माह के बाद सवाल की नोइयात बदल जाती है, क्यूं बेटा कोई अनबन तो नहीं हो गई ?? और वह तरदीदें करती है के
" कसम से ऐसा नहीं है, आज भी उनका फोन आया था के जल्द वापस आओ, मगर मैं सोचती हूं बच्चों के साथ रोज़ रोज़ तो नहीं आया जाता ना "
खैर दो माह में लोग उस खातून को धो भी देते हैं और इस्तरी करके उसकी सारी सिलवटें निकाल कर पहले दिन की तरह कर देते हैं, अब वह बहाने से फोन करना शुरू करती है,
" मुन्ना आपको बहुत याद करता है,कब से बीमार है, अब्बा अब्बा करता रहता है आप इसको आकर ले जाएं "
अब्बा मुन्ना लेने आता है तो साथ मुन्नी भी चली आती है, यूं लोग घर बसा देते हैं
अजदावजियत
साभार: Umair Salafi Al Hindi