फजायेल अहले बैत वा सहाबा
जब हज़रत अब्दुल्लाह इब्न मुटी यजीद की बैयत तुड़वाने के लिए हज़रत हुसैन के भाई हज़रत मुहम्मद बिन हनफिया के पास आए तब उन्होंने तारीखी जवाब दिया,
बिरादर ए हुसैन ने कहा:-" तुम जिस चीज पर जंग कर रहे हो, मैंने सिरे से उसे जायज ही नहीं समझता, मुझे किसी के पीछे लगने या लोगों को अपने पीछे लगवाने की जरूरत ही क्या है ??
हज़रत अब्दुल्लाह बिन मुटी कहने लगे:- " आप इससे पहले अपने बाप के साथ मिलकर तो जंग कर चुके हैं "
उन्होंने फरमाया: -" तुम पहले मेरे बाप (हज़रत अली) जैसा आदमी, और उन्होंने जिनसे जंग की " उन जैसे लोग" तो लाकर दिखाओ, उसके बाद मैं भी तुम्हारे साथ मिल कर जंग कर लूंगा"
(अल बदाया वान निहाया 1/632 इमाम इब्न कसीर)