जब 18000 कुफियों ने बैत किया मुस्लिम बिन अकील को हज़रत हुसैन रजीअल्लाहू अन्हु के दूत थे,
तो जब 17 घुड़सवार आए तब 18000 शियो ने मुंह क्यूं फेर लिया ??
ख़त में तो यजीद के खिलाफ जंग करने के वादे किए ...
18000 हज़ार 17 से डर गए ???
कौन है मुजरिम ??
शिया है ही गद्दार
हज़रत अली को हज़रत आयशा से लड़वाया ..
क्या हज़रत आयशा के खिलाफ जंग पर हज़रत अली को हम कसूरवार ठहराते हैं ??
भईयो तुम लोग मुहर्रम में सिर्फ चप्पो चलाना जानते हो,
सच्चाई को कभी नहीं अपनाना चाहते..
हज़रत उस्मान को शहीद किया किसने ??
कूफियो ने !!
हज़रत अली को शहीद किया किसने ?? कुफियों ने !!
हज़रत हसन को शहीद किया किसने ?? कूफियों ने
हज़रत हुसैन को भी कुफियों ने ही शहीद किया....
शिया समाज ये बात अच्छे से जानता है इसीलिए वह अपना मातम वा सीना पीटता है, और कहता है "
या हुसैन हम ना थे"
ताज्जुब तो सुन्नियों पर है जो उल्टा तीर अपनी तरफ लेने को उतावले रहते हैं और हज़रत हुसैन के खातिलों को अहले सुन्नत में खोजते रहते हैं
शिया को मुसलमान नहीं कह सकते
साभार : Umair Salafi Al Hindi