Saturday, November 21, 2020

शहद और सिरका

 



शहद और सिरका


बाजार में साथ साथ दो दुकानें थी, एक शहद और दूसरी सिरका बेचने वालों कि, सिरका वाली दुकान का हमेशा भीड़ रहती, जबकि शहद वाली दुकान में कभी कभार की कोई नज़र आता,

शहद वाले ने सोचा के मेरा माल महंगा होने की वजह से कोई नहीं लेता,इसलिए उसने भाओ कम कर दिया,

लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा, कीमत कम करते करते उसने शहद की कीमत सिरके के बराबर कर दी, लेकिन सूरत ए हाल वैसी ही रही,

चुनांचे एक दिन वो सिरके वाले के पास गया और बोला,

"मेरा शहद खुसबूदार वा लजीज है, जबकि तुम्हारा सिरका कड़वा और बदबूदार, मैंने कीमत भी कम कर दी,लेकिन तुम्हारे पास हमेशा जमघटा रहता है और मैं खाली बैठा देखता हूं "

सिरका वाला मुस्कुराया और बोला के मैं सिरका बेचता हूं लेकिन मेरी जबां शहद जैसी है, और तुम्हारा माल बेशक बेहतर है, लेकिन तुम्हारी ज़बान सिरका जैसी है

(अरबी कहावत)

साभार: शेख शाहिद सनाबिली
तर्जुमा: Umair Salafi Al Hindi
ब्लॉग: islamicleaks.com