Sunday, November 29, 2020

अाज कुछ लोग अहले हदीस को सऊदी रियाल खोर का ताना देते हैं,

 



अाज कुछ लोग अहले हदीस को सऊदी रियाल खोर का ताना देते हैं,


लेकिन उन्हें मालूम नहीं के अभी एक सदी नहीं गुजरी, अहले हदीस सऊदी अरब को चन्दा जमा करके दिया करते थे, मुश्किल वक़्त में काम आना और नेकी के कामों में तावून करना कोई ऐब वाली बात नहीं, लेकिन रियालखोर कहना छोड़ दें, वरना अल्लाह को जवाब देना बहुत महंगा पड़ेगा