Saturday, August 8, 2020

HAR CHEEZ KI QEEMAT USKI MANDI ME LAGTI HAI









हर चीज की कीमत उसकी मंडी में लगती है,

एक उस्ताद था वह अक्सर अपने शार्गिदों से कहा करता ता के ये दीन बड़ा कीमती है, एक रोज़ एक तालिब ए इल्म का जूता फट गया, वह मोची के पास गया और कहा :- मेरा जूता मरम्मत कर दो, उसके बदले में तुम्हे दीन का एक मसला बताऊंगा ,

मोची ने कहा :- अपना मसला रख अपने पास, मुझे पैसे दे,

तालिब ए इल्म ने कहा :- मेरे पास पैसे तो नहीं है,

मोची किसी सूरत ना माना और बेगैंर पैसे जूता मरम्मत ना किया,

तालिब ए इल्म अपने उस्ताद के पास गया और सारा वाक्ए सुना कर कहा

" लोगों के नजदीक दीन की कीमत कुछ भी नहीं "

उस्ताद अकलमंद थे तालिब ए इल्म से कहा :- अच्छा ऐसा करो मैं तुम्हे एक मोती देता हूं तुम सब्जी मंडी जाकर इसकी कीमत पता करो,

वह तालिब ए इल्म मोती लेकर सब्जी मंडी पहुंचा और एक सब्जी फरोश से कहा, इस मोती की कीमत लगाओ,

उसने कहा तुम इसके बदले दो तीन नीबू उठा लो, इस मोती से मेरे बच्चे खेलेंगे,

उस तालिब ए इल्म अपने उस्ताद के पास आया और उसने कहा उस मोती को कीमत दो तीन नीबु है,

उस्ताद ने कहा :- अच्छा अब तुम इसकी कीमत सोनार से मालूम करो, वह गया और पहली है दुकान कर उसने मोती दिखाया तो दुकानदार हैरान रह गया और कहा अगर में इस पूरी दुकान को भी बेच दूं, तो भी इस मोती को कीमत पूरी ना होगी, तालिब ए इल्म ने अपने उस्ताद के पास आकर सारा माजरा सुनाया

उस्ताद ने कहा :- बच्चे ! हर चीज की कीमत उसकी मंडी में लगती है, दीन को कीमत अल्लाह की मंडी में लगती है, इस कीमत को अहले इल्म ही समझते हैं, जाहिल क्या जाने दीन की कीमत क्या है,