Tuesday, August 11, 2020

TERA AINA HAI WO AINA







तू बचा बचा के ना रख इसे, तेरा आइना है वो आइना ।
के शिकस्तआ हो तो अज़ीजतर, है निगाहें आइना साज में ।।

वो दिल जो अल्लाह के लिए टूटते हैं अल्लाह को बहुत पसंद होते हैं, अपनी ख्वाहिशों की कुरबानी करने में अल्लाह की राह में की जाने वाली कोशिश में आने वाली रुकावटों के नतीजे में,

हक बात करने पर मिलने वाले ताने या नफस को कुचलकर उस पर जब सब्र की इमारत कायम कि जाती है, और सब्र के दौरान सेहरा पर चलते हुए दिल पर जो छाले पड़ते हैं, वो दिल बड़े कमाल के होते हैं !

सब्र तो कभी भी आसान नहीं रहा और अगर इतना आसान होता तो इतना बड़ा अजर ना होता !

इसीलिए यही बासब्र दिल अल्लाह को बहुत भाते हैं, फिर ऐसे दिलों पर अल्लाह की मुहब्बत बरसती है,

जो अल्लाह के लिए टूटे और फिर अल्लाह उस छोड़ दे ये नामुमकिन है,

वो इस कुर्बानी का सिला अल्लाह की मुहब्बत की सूरत में पाते हैं,

तो कहां ये अल्लाह की मुहब्बत से पेबंद लगे दिल और कहां नफस की पैरवी करने वाले खुशनुमा दिल

कोई मुकाबला नहीं दोनों का !!!