Wednesday, August 5, 2020

SHIA SUNNI KA BHAI HAI ??





शिया - सुन्नी भाई भाई हैं ??

जी हां ! शिया - सुन्नी का भाई है,

शेख सदूक , शिया का इतना बड़ा मुहाद्दिस है अगर वह ना रहे तो शिया मजहब खतम हो जाए, वह अहले सुन्नत और सहाबा की तकफीर करता है। ( अल इकादात पेज 103)

क्यूंकि शिया - सुन्नी भाई भाई

शेख मुफीद , तीसरा बड़ा मुहद्दीस है, जिसकी किताबों पर शियात की बुनियाद उठी हैं वह भी सुन्नियों को काफ़िर कहता है (अल मसाइल नकला अन बहरुल अनवार जिल्द 2 पेज 391)

क्यूंकि शिया - सुन्नी का भाई है ,

शेख तूसी, शियों का चौथा खंभा है, उसने भी अहले सुन्नत और सहाबा दोनों को काफ़िर करार दे रखा है, ( तहज़ीब अल कलाम जिल्द 1 पेज 335)

क्यूंकि शिया - सुन्नी आपस में भाई है ??

शेख हाली मुताखिर शिया का सबसे बड़ा नाम है और सहाबा को काफ़िर कहता है ( अल अल्फीन पेज 13)

क्यूंकि शिया - सुन्नी का भाई है

खुमैनी कहा करता था जिस ने शिया मजहब की रूह को समझना हो तो बाकिर मजलिसी की किताबों का मूताला करे, और बाकर मजलिसी सहाबा को काफ़िर कहता है, क़ुरआन को मूहैरफ कहता है, तौहीद की बुनियाद हिलाता है

क्यूंकि शिया - सुन्नी का भाई है

बिलांशुबह तारीख के तमाम अदवार में अहले सुन्नत को शिया के यहां सबसे बड़ा दोस्त समझा जाता रहा है, और इस दोस्ती की बुनियाद हमालिया भी बुलंद हैं, सो वह सुन्नियों को हामालिया से दिखा देना पसंद करते है

उन्होंने अपने एम्मा से महदी के जहूर के बाद के वाकयात नकल किए है
लिखते हैं वह आकर सबसे पहले बनू शैबह को क़त्ल करेगा

( बहरूल अन्वार 52/313, अलल शराई 1/229 वा सनद सही )

क्यूंकि शिया - सुन्नी का भाई है

जब उनका इमाम मेंहदी आएगा तो तमाम मस्जिदों के मीनार गिरा देगा ( बाहरुल अनवर 52/325)

क्यूंकि शिया - सुन्नी भाई भाई,

हत्ता के मेंहदी आकर मस्जिद हराम को भी गिरा देगा तोड़ देगा ( बहारुल अनवर 5/338)

क्यूंकि शिया - सुन्नी भाई भाई,

मस्जिदों को गिराने के बाद वह अरबों को ज़ीबाह करेगा

इमाम जाफर सादिक कहते हैं
ما بقي بيننا وبين العرب إلا الذبح

" हमारे और अरबों के दरमियान सिर्फ ज़ीबह होना ही तो बचा है " ( बहारूल अनवार 52/349)

यानी अरबों को जीबह कर दिया जाएगा, अबू बसीर ने उनके किसी इमाम से रिवायत किया है
إن أهل مكة ليكفرون بالله جهرة وإن أهل المدينة أخبث من أهل مكة، أخبث منهم سبعين ضعفا.

" अहले मक्का ने अल्लाह के साथ वाज़ेह कुफ्र किया है और अहले मदीना और अहले मक्का से सत्तर दर्जा ज़्यादा खबीस हैं " ( उसूल अल काफी 2/265 , सनद सही उंद अल शीया )

क्यूंकि शिया - सुन्नी का भाई है

अबू अब्दुल्लाह से शियाओं ने नक़ल किया वह कहते हैं
كأني بحمران بن أعين وميسر ابن عبد العزيز يخبطان الناس بأسيافهما بين الصفا والمروة '

" मैं हमरान बिन ऐन और मैसर बिन अब्दुल अज़ीज़ को देख रहा हूं जो सफा वा मरवा के दरमियान अपनी तलवारों से लोगों को मार रहें हैं " ( बहार उल अनवर 40/53 सनद सही अंद शिया)

क्यूंकि शिया - सुन्नी का भाई है,

दौर ए मौजूद के मुसन्नफ अहसन ज़ैदी ने अब्दुल्लाह बिन सबा की तहरीक के मुतलिक खुले लफ़्ज़ों में लिखा

" हम कहते हैं जी हां ! अगर वाकई अब्दुल्लाह बिन सबा कोई सख्स था और उसने खिलाफत के शिराज़ह को बिखेरने का इंतजाम किया था तो हमें एक नहीं लाखों ऐसे अब्दुल्लाह बिन सबा चाहिए, हम ऐसे किरदार पर फख्र करते हैं जो जिस हुकूमत को बातिल समझे उसे फना कर दे इसलिए के तहरीक शिआत का एक मकसद ये भी है "

( मजहब शिया पेज 178)

क्यूंकि शिया - सुन्नी का भाई है,

तुम हज़रत उमर बिन अब्दुल अज़ीज़ की क़ब्र को रोते हो, अगलों ने अम्मा आयशा से ले कर सिद्दीक ए अकबर तक की क़ब्र उखाड़ने के प्लान अपनी किताबों में दर्ज कर रखें है,

तुम शामी मुसलमानों के लिए रोते हो, उन्हें वक़्त मिलने पर तुम्हारे बच्चों का भी खून पी जाना है,

तुम सय्यदना मुंआविया की बात करते हो, उन्होने सिद्दीक और फारूक को भी गालियां देने में कसर नहीं छोड़ी है,

क्यूंकि शिया - सुन्नी का भाई है

बेशक तुम फिर्का वारियत के कायल नहीं, क़ुरआन की मानवी वा लफ्जी तहरीफ गवारा कर लोगे, लेकिन क़ुरआन का दीफ़ा करके " फिरका परस्त" नहीं बनोगे,

हम अम्मा आयशा की जात पर तोहमत बर्दाश्त करेंगे, लेकिन उनकी दीफ़ा वाली " फिरका वारियत" हमसे नहीं होगी,

क्यूंकि शिया हमारे मुसलमान भाई और हम उनके काफ़िर भाई हैं,
۔ وما علینا الا البلاغ

साभार : अबुल वफा मुहम्मद हम्माद असरी
तर्जुमा : Umair Salafi Al Hindi
Blog : Islamicleaks.com