Sunday, December 20, 2020

PASAND AUR MUHABBAT KI SHADI

 



पसंद और मोहब्बत की शादी

पसंद की शादी के बाद सूरत-ए-हाल कुछ यूं होती है।
जो पसंद की शादी कर पाता है बाद में कुछ आदत जान पाता है तो वह उलझ जाता है।
एक लड़की बहोत अच्छा लिबास पहेनती थी।
वह ख़ुशबू मेकअप नेल पॉलिश लड़के को पसंद आ गई शादी हो गई शादी के बाद जब बीवी ने ऐसे कपड़े ख़ुशबूयात और मेकअप मांगा तो होश ठिकाने आए की यह सब फ्री नही था यह अब्बा जी के पैसों से आता था अब शौहर की जेब से आएगा।
शादी से पहले सजी बनी लड़की कॉलेज या ऑफिस में चंद घंटों के लिए नज़र आती थी शादी के बाद नहार मुंह बग़ैर दांत साफ़ किए बग़ैर हेयर स्टाइल के शिकन आलूद कपड़ों में नज़र आती है यानी सर_झाड़_मुंह_पहाड़ तो तमाम ख़ुश कुन ख़यालात उड़नछू हो जाते हैं।
उसी तरह डेट पर फ़ास्ट फूड या चाइनीज़ खाते हुए छुरी कांटे की महारत नेपकिन का नफ़ीस इस्तेमाल मशरूब ज़रा ज़रा पीते सब कुछ हसीन लगता है।
लेकिन शादी के बाद वही लड़की आपके साथ दस्तरख़्वान या डायनिंग टेबल पर बैठ कर दाल साग भिंडी तुरई रोटी के साथ खाती है।
दाल चावलों पर उंगली से अचार के फांक को तोड़ती है और इस्तेमाल शुदा बर्तन समेटती है तो वही लड़की इतनी हसीन नही लगती।
वही लड़की जब शादी से पहले जब अपने घर के मुआमलात लड़के से डिस्कस करती है अपनी भाभी या सहेली या बहेन भाई का गिला करती है तो लड़का फ़ख्र महसूस करता है कि मुझे क़ाबिल-ए-एतमाद समझा गया।
लेकिन जब वही लड़की शादी के बाद ननद सास देवर जेठ या देवरानी जेठानी का किस्सा शौहर को सुनाती है तो शौहर जच्च हो जाते हैं। और राय देने से गुरेज करते हैं बल्कि इंतेहाई सूरत-ए-हाल में बेगम की ख़ातिर ख़्वाह तवाज़व भी फरमाते हैं।
अब वही लड़की जमाई भी लेगी और डकार भी, सर भी खुजाएगी
लड़की वही है
लड़का भी वही है
बस हालात की तब्दीली से जज़्बात बदल जाते हैं
और तर्जीहात भी
तो यह सब कुछ अगर लड़का तवक़्क़ो नही कर रहा था तो दरअसल वह शादी नही अहमक़ों की जन्नत का ख़्वाहिशमंद था।
उसी तरह अगर लड़की उसी ख़्वाब नाक फूलों के झूले में झूलने के ख़्वाब देख रही थी तो वह भी अहमक़ों की सरदार थी।
#Note :- कुछ लोग कामियाब भी होते हैं जो दरअसल हक़ीक़त पसन्द होते हैं।
मोहब्बत करना मना नही है ,लेकिन उस मोहब्बत को ज़िन्दगी के आख़िरी सांस तक लेके जाओ।
मोहब्बत का मज़ाक़ ना बनाओ
मरियम खान