इंसान के जिस्म में दिल की एक खास अहमियत है
अल्लाह ने क़ुरआन करीम में दिल का ज़िक्र 150 से ज़्यादा बार किया है,
इंसान का दिल और दिमाग़ उसके जिस्म का एक अहम हिस्सा है,
विज्ञान के मुताबिक दिमाग़ ही सब कुछ है,
लेकिन अल्लाह ने दिल के बारे में फरमाया:
अल्लाह दिलों को फेरता है।
दिलों में रहम डालता है।
दिलों पर मोहर मारता है।
अल्लाह के ज़िक्र से दिलों को करार मिलता है,
वगेरह।
जिस्म में एक हिस्सा है जिसको दिल कहा जाता है अगर वो सही है तो पूरा जिस्म सही है और अगर वो सही नहीं है तो पूरा जिस्म सही नहीं है।
(हदीस )
तहरीर का अंश: डॉक्टर सबा परवीन