एक बहुत ही ज़हीन लड़का था , उसने साइंस में हमेशा 100 के लगभग नंबर पाए !!
IIT के लिए सिलेक्ट हुए और IIT में उम्दा स्कोर किया, MBA के लिए कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी गए , अमेरिका में ऊंची तनख्वाह वाली नौकरी हासिल की और वही पर रहे, एक खूबसूरत तमिल लड़की से शादी की,
पांच कमरों का बड़ा घर और लग्ज़री कारें खरीदी, उसके पास सबकुछ था जो उसे कामयाब बना देता है लेकिन उसने अपनी बीवी और बच्चों को गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी,
गलत क्या था ???
कैलिफोर्निया के institute Of Clinical Physicology ने इस मामले को छानबीन की और मालूम किया के ," क्या गलत हुआ??"
Researcher ने लड़के के दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ मुलाकात की और देखा के वह अमेरिका के Economical Crisis की वजह से अपनी नौकरी से हाथ धो बैठा है और उसे ज़्यादा दिन नौकरी के बेगैर बैठना पड़ा, हत्ता के अपनी पिछली तनख्वाह की रकम को कम करने के बाद भी उसे नौकरी नहीं मिली, तब वह घर के लिए कर्ज़ा की किस्त अदा ना कर पाया और वह और उसकी बीवी और बच्चे घर से महरूम हो गए, वह कम पैसों से गुज़ारा करते हुए चंद महीने ज़िंदा बच गए और फिर उसने और उसकी बीवी ने मिलकर खुदकुशी का फैसला किया,
उसने पहले अपनी बीवी और बच्चों को गोली मार दी और फिर खुद को गोली मार दी,
किसी ने ये नतीजा निकाला के उस आदमी को " कामयाबी" के लिए आदी (Programmed) बनाया गया था, लेकिन उसे नाकामियों से निपटने के लिए ट्रेनिंग नहीं दी गई थी,
अब आते हैं असल सवाल की तरफ,
* इंतेहाई कामयाब लोगों की क्या आदात है ??"
सबसे पहले मैं आपको ये बताना चाहता हूं के अगर आपने सब कुछ हासिल कर लिया है तो, सब कुछ खोने का मौका है, कोई नहीं जानता है के अगला Economic Crisis दुनिया को कब पहुंचेगा, सिवाए अल्लाह के
कामयाबी की बेहतरीन आदत नाकामियों से निपटने के लिए तरबियत हासिल करना है,
हाई लेवल की साइंस और मैथ (रियाज़ी) सीखने से उन्हें मुसाबकती ( competitive) इम्तेहानात को पास करने में मदद मिलेगी लेकिन ज़िन्दगी के बारे में इल्म उन्हें हर मसले का सामना करने में मदद फराहम करेगा,
"पैसे के लिए" काम करने की तालीम देने के बजाए उन्हें ये सिखाएं के " पैसा किस तरह काम करता है"
उनका जुनून ढूंढने में उनकी मदद करें क्यूंकि ये डिग्रियां अगले Economic Crisis में उनकी मदद नहीं करेंगी और हम नहीं जानते के अगला Crisis दुनिया को कब पहुंचेगा, सिवाए अल्लाह के
कामयाबी एक कमज़ोर ट्रेनर (उस्ताद) है, नाकामी आपको ज़्यादा सिखाती है,
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साभार: Umair Salafi Al Hindi
Blog: Islamicleaks.com