Monday, May 3, 2021

आदत मुहब्बत से ज़्यादा ख़तरनाक होती है,..!

 



कहते हैं के...


आदत मुहब्बत से ज़्यादा ख़तरनाक होती है,..!

किसी की आदत हो जाए तो मुश्किल होता है उसको खुद से दूर करना,!! तो क्यूं हम इस खतम होने वाली दुनिया से अपने वक्त को भरते हैं??

क्यूं हम खाली वक्त में इंसानी सहारे तलाश करते हैं ?? जब हमारे पास एक ऐसा सहारा , साथी, दोस्त मौजूद हो !!

तो क्यूं हम किसी और की राह देखें??

अपनी आदतों में अल्लाह की रज़ा को जोड़ लें, अल्लाह से बातें करें,

इसको जो आपकी एक याद पर आपके करीब हो जाता है, उसको अपनी रूह में उतार लें,

आपको किसी सहारे की ज़रूरत नहीं महसूस होगी,

अल्लाह ताला हमें अपना बना ले,.... आमीन

साभार: Umair Salafi Al Hindi
Blog: Islamicleaks.com