Monday, May 17, 2021

आपकी भाभी !!!

 



आपकी भाभी !!!


मेरी समझ में नहीं आता लोग अपनी बीवियों की निसबत दूसरों की तरफ कैसे कर देते हैं, अपनी बीवी कहते हुए शर्म आती है ?? क्यूं नहीं कहते मेरी बीवी ??

जब कोई चीज़ खिलाएंगे कहेंगे,

" आपकी भाभी ने बनाया है "
" आपकी भाभी ने कहा है"
" आपकी भाभी ने पूछा है "

क्यूं भाई ?? तुम्हारी बीवी नहीं है ??

रसूल अल्लाह मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से लोगों के सामने पूछा गया के आपको तमाम इंसानों में सबसे ज़्यादा किस से मुहब्बत है ??

फरमाया:-" मुझे सबसे ज़्यादा मुहब्बत अपनी बीवी (आयशा) से !"

फिर पूछा उसके बाद, आपने कहा:-" उसके बाप से "

ये नहीं कहा के ससुर से या अबू बक्र से या आपकी भाभी के बाप से , बल्कि फरमाया:- " आयशा के बाप से "

पता नहीं लोग कौन से अखलाक बयान कर रहे होते हैं ये कह कर के आपकी भाभी,

भाई ! मेरी बीवी क्यूं नहीं कहते ?? तुमको अपने दोस्तों पर फख्र होता है तो तारीफ के लिए उनको " मेरा भाई " कह लेते हो, क्या बीवी तुम्हारी नहीं ?? या तुमको कोई शर्म महसूस होती है उससे ??

अगर बीवी से मुहब्बत का इज़हार, बीवी की निसबत दूसरों की ही तरफ करना इख्लाक होता तो सबसे बड़े अखलाक के पैकर रसूल अल्लाह मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम कभी सबके सामने अपनी बीवी से मुहब्बत का इज़हार ना फरमाते बल्कि कहते " तुम्हारी भाभी से !!"

याद रखिए ये एक नफसियाती बात है जब आप खुद किसी चीज़ की निसबत दूसरों की तरफ कर दें तो इन्सान उसे अपना समझने लगता है, आपके घर कोई मेहमान आए, कोई आपसे गाड़ी मांग ले, पैसे मांग ले, या कोई भी चीज तो आप उसे देते हुए कहते हैं

" अपना ही समझो"

क्या इससे वह गाड़ी माल या घर उसका भी हो जाता है ?? नहीं !! बल्कि उसकी नफसियात में तुम्हारा ही है, " अपना ही समझो" अमल कर जाता है और वो निसबतन बेतकल्लुफ़ हो जाते हैं,

आप कहते है तुम्हारी भाभी ने खाना बनाया है, वह फौरन कहेगा

"भाभी के हाथ के खाने से मजा आ गया , भाभी से कहना फिर हमें बुलाएं, भाभी के हाथ में जादू है,"

लेकिन यही जुमला आप कहते के खाना मेरी बीवी ने बनाया है तो मजाल नहीं थी के कोई कह दे :

" तुम्हारी बीवी शानदार है या अपनी बीवी से कहना कि मुझे फिर से बुलाए!!"

यही हाल होता है जब आप अपने शौहर को दूसरों के सामने कहती हैं,

" आपके भाई साहब ने ये कहा है " या अपने शौहर से कहती हैं,

" आपकी साली ने ये फरमाइश की है,"

तो यकीन कीजिए फिर वह साली वाकई " उनकी" हो जाती है, फिर वह "मेरी साली " कहते नहीं थकते, मेरी बहन की तरह ही तो है कुछ तोहफे भिजवा दिए तो कौन सी कयामत आ गई ??

औरतें खुद दूसरों को अपने शौहर से निसबत लगाने का मौका देती हैं फिर कहती हैं शौहर दूसरी लड़कियों में दिलचस्पी ले रहें है ?

खुद आप मौका देते हैं !! के आप मौका देते हैं तो अगला भी कॉमेंट पास करने की जुर्रत करता है, अगर भरी मजलिस में " आपके भाई " या " आपकी भाभी" की जगह,

"मेरी बीवी, मेरा शौहर" कह दिया होता तो मजाल नहीं थी किसी की के वह "आपकी "बीवी पर कोई जुमला कस दें, वरना "अपनी "पर तो कुछ भी कहा जा सकता है, चाहे वह भाभी ही क्यूं ना हो !!

यकीन नहीं तो अमल करके देखिए, समाज इतना आगे जा चुका है के अपनी ही बीवी को अपना कहने के लिए अब दिल गुर्दा चाहिए,

साभार: Umair Salafi Al Hindi
Blog: Islamicleaks.com