Wednesday, May 26, 2021

एक बात मुझे समझ नहीं आती के लोग मायूस कैसे हो जाते है,




 एक बात मुझे समझ नहीं आती के लोग मायूस कैसे हो जाते है,


एक मुसलमान जो अल्लाह पर ईमान रखता हो वह तो कभी मायूस नहीं होता, तो आप कैसे मायूस हो जाते हैं ??

कैसे क्या वो आपके दिल में नहीं होता, क्या आपको उस रहमान पर यकीन नहीं जिसने हमें पैदा किया जो सत्तर माओं से ज़्यादा प्यार करता है,

इतना प्यार, इतना प्यार के ज़मीन और आसमान में उस जितना प्यार कोई कर ही नहीं सकता , तो आप कैसे मायूस हो जाते हो, वह हमें कैसे तन्हा छोड़ सकता है जो हमारी सरगोशीयों को भी सुनता है वह सब कुछ जानता है वह सब बातें जो कभी हमने खुद से भी नहीं कही होती वह भी जानता है,

वह जो कुछ जानता है हम नहीं जानते ,
वह इंसान से बेहतर लेकर बेहतरीन चीज़ नवाज़ता है,
तुम उससे जितनी उम्मीद रखोगे वह उससे बढ़कर तुम्हे नवाजेगा, तुम बस मायूस ना होना चाहे क्या कुछ ना हो जाए , तुम्हे उससे अच्छे की उम्मीद रखनी है, बस वह है ना सब अच्छा अच्छा कर देगा ,

वह अपने प्यारे बन्दे पर ही आजमाइश डालता है, अल्लाह हमें अपने प्यारे बंदों में शामिल फरमाए और अल्लाह हमें हर आजमाइश में सुरखुरू करे..... आमीन

बकलम: बहन सहर फातिमा
तर्जुमा: Umair Salafi Al Hindi
Blog: Islamicleaks.com