अल्लाह ने अज्ञानी को शिक्षित करने का आदेश दिया, उनसे बहस नहीं की। क्योंकि बहस करना एक मान्यता है कि उसे ज्ञान है (जो उसके पास नहीं है)।
और जब वह उसके बाद छोड़ देता है, तो वह महसूस करता है कि उसने तर्क जीत लिया है, और इस तरह वह अपनी अज्ञानता के लिए अधिक प्रतिबद्ध हो जाता है।
خُذِ الۡعَفۡوَ وَ اۡمُرۡ بِالۡعُرۡفِ وَ اَعۡرِضۡ عَنِ الۡجٰہِلِیۡنَ
"ऐ नबी ! नर्मी और माफ़ी का तरीक़ा अपनाओ, भलाई के लिए कहते जाओ और जाहिलों से न उलझो " ( अल आरा़फ आयात 199)
साभार: Umair Salafi Al Hindi
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