SPAIN'S ALHAMBRA PALACE REOPENS TO VISITORS AFTER COVID: AL JAZEERA
स्पेन पर मुसलमानो की हुकुमत 775-1492 तक रही। ग़रनाता (Granada) मे स्पेन मे मुस्लिम की आखरी हुकुमत रही क्योकि बाकी तीन-चौथाई हिस्सा को ईसाईयो ने पहले क़ब्ज़ा कर लिया था।
एक हिस्सा "सल्तनते ग़रनाता" के नाम से मशहूर है, जिस को नसर बिन यूसुफ़ ने क़ायम किया और तवारीख़ मे उस का बनाया महल "अल अहमर" (लाल) के नाम से मशहूर है।इसी खांदान के आपसी खाना जंगी और साज़िश के वजह कर स्पेन के बादशाह फरदीमेनंड ने 1492 मे ग़रनाता क़ब्ज़ा कर लिया। इस तरह स्पेन से मुस्लिम हुकुमत का नाम मिट गया और एक मुस्लिम वहॉ नही रहे। मगर "अल अहमर" (Alhambra) आलीशान महल आज भी टूरिस्ट के लिये अजूबा है।
1492 मे ग़रनाता के आखरी बादशाह अबू अबदूल्लाह ने जब क़िला "अल अहमर" Alhambra) की चाभी बादशाह फरदीमेनंड को देकर रवाना हुआ तो बीस (20) मील दूर जाकर अलबशराये के पास रूक कर अल अहमर महल के तरफ देखा तो औरतो की तरह रोने लगा। उस की यह हालत देख कर उस की मॉ ने कहा कि " ऐ बूज़दिल जब तू नमर्दों के तरह अपने मूल्क और इस महल को न बचा सका तो अब औरतो की तरह रोने से क्या हासिल?"
आसमॉ ने दौलते ग़रनाता जब बर्बाद की
इब्न बदरू के दिले नाशाद ने फरयाद की (इक़बाल)
آسماں نے دولت غرناطہ جب برباد کی
ابن بدروں کے دل ناشاد نے فریاد کی
(इब्ने बदरू ने दौलते ग़रनाता का मर्सिया लिखा है)