Friday, September 25, 2020

NADAAN BAHNO !!





नादान बेटियों

पहले कॉमेंट्स फिर वह मैसेंजर पर आएगा।
संजीदा गुफ्तगू से ताल्लुक बढ़ाएगा।

तेरे बिना क़रार नहीं एक पल मुझे।
लफ़्ज़ों के हेर फेर से चाहत जताएगा।

क्या मुझ पर ऐतबार नहीं जान ए जान तुम्हे??
मक्कार अपने मकर से चक्कर चलाएगा।

फिर " देख कर डिलीट करूंगा " कहेगा वह !!
शहवत को मुहब्बत का लुबादा चड़ाएगा।

एक मुख्तलिफ सा पिक भी दिखाओ तो बात हो !
ये कह कर बार बार वह मुस्के लगाएगा।

नफसानी ख्वाहिशात के दलदल से दीवाना।
हीले बहाने करके तुझे भी धंसाएगा।

विर्ड ए प्लीज करते हुए तुझको शिकारी।
एक रोज़ अपनी जाल ए हवस में फंसाएगा।

मुमकिन है दीनदार हो दाढ़ी भी रखी हो।
मुमकिन है किसी शेख की सोहबत में रहा हो।
मुमकिन है नात पढ़ने में मशहूर ए शहर हो।
मुमकिन है सुखन वर या मुबल्लिग हो बेहतरीन।
मुमकिन है मुदरीस हो मुकर्रिर ग़ज़ब का हो।
मुमकिन है वह इमाम या गोशा नशीन हो।
मुमकिन है वह मुअज्जिन हो या मस्जिद का हो खादिम।
मुमकिन है ज़ौक ए खिदमत ए इंसान भी उसे हो।
मुमकिन है नवाफिल का बहुत अहतिमाम हो।
मुमकिन है सहाबा से उसे प्यार बहुत हो।
मुमकिन है बज़्म ए खत्म ए नुबुववत से जुड़ा हो।
मुमकिन है उसे मजहबी सियासत का शगफ हो।
मुमकिन है वो बेरगबत ए दुनिया हो बेटियों !!

माना बुलंद हैं सब इल्म वा हुनर में
लेकिन ये अजनबी हैं शरीयत की नजर में।

हमने तो बुजुर्गो से यही बारहा सुना
जन्नत उसे मिलेगी जो ईमान बचाएगा।

"ला तकार्रबुल ज़िना" की सदा गौर से सुनो
शैतानी वस्वसो में बहुत काम आएगा।

तर्जुमा : Umair Salafi Al Hindi
Blog: islamicleaks.com